भारत का इंडो-पैसिफिक विजन तथा आसियान : रणनीतिक संवाद एवं साझेदारी के 30 वर्ष
हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भू-राजनीतिक (Geopolitical) एवं भू-रणनीतिक संरेखण (Geostrategic Alignment) में परिवर्तन देखा जा रहा है। इन परिवर्तनों ने एक तरफ नए अवसर पैदा किए हैं तो वहीं दूसरी तरह विभिन्न चुनौतियां भी पैदा की हैं। इस क्षेत्र की आर्थिक प्रगति ने गरीबी कम करने और लाखों लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने में सहायता की है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत तथा आसियान की अवस्थिति काफी महत्वपूर्ण है। अतः यह दोनों के हित में है कि वे इस क्षेत्र में सुरक्षा का वातावरण विकसित करने की पहल करें। इससे संपूर्ण हिंद-प्रशांत एवं हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता, शांति और ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत में जलवायु अनुकूल कृषि की आवश्यकता : चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 2 भारत में सामाजिक उद्यमिता : उदय, प्रभाव एवं संभावनाएं - महेंद्र चिलकोटी
- 3 ब्रिक्स समूह : बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत के लिए अवसर एवं चुनौतियां - आलोक सिंह
- 4 बायो -ई3 नीति : बायो- मैन्युफैक्चरिंग में नवाचार और धारणीयता को बढ़ावा - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 5 भारत में खाद्य सुरक्षा विनियमों का सुदृढ़ीकरण - संपादकीय डेस्क
- 6 भारत एवं क्वाड : एक सुरक्षित एवं समृद्ध विश्व के लिए साझेदारी का विस्तार - आलोक सिंह
- 7 वैश्विक दक्षिण: उभरती चुनौतियां वैश्विक एवं प्रमुख अनिवार्यताएं - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 8 भारत-पोलैंड संबंध : रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में सहयोग हेतु 'रणनीतिक साझेदारी' - संपादकीय डेस्क
- 9 सिविल सेवाओं में लेटरल एंट्री : एक विमर्श - आलोक सिंह
- 10 भारत-रूस संबंध: परिवर्तनशील वैश्विक व्यवस्था में साझेदारी का विस्तार - संपादकीय डेस्क
- 1 डिजिटल प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण : भारत के प्रयास एवं चुनौतियां
- 2 भारत की गिग इकोनॉमी : संलग्न कार्यबल की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा हेतु विनियमन आवश्यक
- 3 ऊर्जा सुरक्षा : आत्मनिर्भर भारत की महत्वपूर्ण कड़ी
- 4 विश्व व्यापार संगठन एवं भारत : 12वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन तथा भारत के मुद्दे
- 5 सहभागी शासन : सुशासन का उच्चतर स्तर - (डॉ. विवेक कुमार उपाध्याय)
- 6 शहरी रोजगार गारंटी योजना : समावेशी एवं धारणीय शहरी विकास हेतु आवश्यक - (डॉ. अमरजीत भार्गव)