तुलू भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग
- कर्नाटक एवं केरल राज्य के कुछ क्षेत्रों में बोली जाने वाली तुलू भाषा (Tulu language) को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग तेज़ हो गई है।
- हाल ही में विभिन्न संगठनों ने तुलु को संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त राज्य भाषा का दर्जा देने की मांग करते हुए एक ट्विटर अभियान शुरू किया और इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।
- उल्लेखनीय है कि तुलू भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है, तुलू भाषा भाषियों का मानना है कि 18 लाख से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली तुलु भाषा ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आन्ध्र प्रदेश में ब्राह्मी अभिलेख के साक्ष्य
- 2 16वीं शताब्दी के ताम्रपत्र अभिलेख की खोज
- 3 लोथल में NMHC के विकास को मंजूरी
- 4 ओरछा को यूनेस्को कि विश्व धरोहर सूचि में शामिल करने हेतु डोजियर
- 5 कैबिनेट ने 5 नई शास्त्रीय भाषाओं को मंजूरी दी
- 6 प्रथम ‘अंतरराष्ट्रीय भारतीय नृत्य महोत्सव’ का आयोजन
- 7 महात्मा गांधी की 155वीं जयंती
- 8 जर्मनी में सांची के स्तूप के पूर्वी द्वार की प्रतिकृति
- 9 सिंधु घाटी सभ्यता की खोज के 100 वर्ष
- 10 कर्मा उत्सव