एमएसएमई क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में भूमिका एवं अवसर
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास के इंजन हैं। भारत में एमएसएमई का महत्व इस तथ्य से स्पष्ट है कि एमएसएमई क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 37.54 प्रतिशत, विनिर्माण उत्पाद में लगभग 45 प्रतिशत एवं कुल निर्यात मे 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान है।
- कोरोना वायरस की रोकथाम के उद्देश्य से लागू किये गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण यह उद्योग क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अखिल भारतीय उत्पादक संघ द्वारा 1 मई, 2020 को जारी ज्ञापन के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान एमएसएमई क्षेत्र को अनुमानित रूप से ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 असंगठित क्षेत्र में अदृश्य कार्यबल के रूप में महिलाएं - आलोक सिंह
- 2 जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक दक्षिण समतापूर्ण एवं न्यायसंगत वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 3 ग्लोबल स्टार्टअप हब के रूप में भारत का उदय विकास के कारक एवं चुनौतियां - डॉ. अमरजीत कुमार
- 4 निवारक स्वास्थ्य देखभाल स्वास्थ्य एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकता - डॉ. अमरजीत कुमार
- 5 भारत-कुवैत रणनीतिक साझेदारी खाड़ी देशों तक भारत की पहुंच में एक महत्वपूर्ण पड़ाव - आलोक सिंह
- 6 शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन भारत का दृष्टिकोण, चुनौतियां तथा आगे की राह - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 7 वैश्विक शासन सुधारित बहुपक्षवाद की आवश्यकता एवं महत्वपूर्ण मुद्दे - आलोक सिंह
- 8 भारत में महिला उद्यमिता आर्थिक विकास, नवाचार एवं सामाजिक प्रगति को प्रोत्साहन - महेंद्र चिलकोटी
- 9 जलवायु वित्तयन COP29 सम्मेलन में की गई प्रगति, चुनौतियां तथा भविष्य की राह डॉ. अमरजीत भार्गव
- 10 भारत में जलवायु अनुकूल कृषि की आवश्यकता : चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव