काला-अजार में दवा प्रतिरोध से लड़ने के लिए नया बायोमॉलीक्यूल

पुणे में स्थित राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (DBT-NCCS) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पेप्टाइड्स को डिजाइन करने के लिए अभिकलनात्मक विधियों (computational methods) का उपयोग किया है, जिसका उपयोग काला-अजार में दवा प्रतिरोध से लड़ने के लिए किया जा सकता है |

  • ये पेप्टाइड्स लीशमैनिया (काला-अजार के कारक) के ट्रांसपोर्टर प्रोटीन के साथ अंत:क्रिया कर सकते हैं, और किसी भी तरह से मानव प्रोटीन के क्रिया में हस्तक्षेप नहीं करते हैं।

लीशमैनियासिस

  • लीशमैनियासिस (Leishmaniasis) भारत सहित लगभग 100 देशों को प्रभावित करने वाली एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय बीमारी है। यह लीशमैनिया नामक एक परजीवी ....
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