सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (चतुर्थ प्रश्न-पत्र)
1. आत्महत्या के नैतिक पक्ष पर बहस सदियों पुरानी है। इस तथ्य के संदर्भ में आत्महत्या के विषय में विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के मतों को उद्घाटित करें।
उत्तरः आत्महत्या की जब बात करते हैं तो पाते हैं कि यह महज जीवन अथवा मृत्यु का ही प्रश्न नहीं है, बल्कि यह मानव स्वतंत्रता और उसकी नियति, तर्कशास्त्र और दर्शन जैसे द्वंद्वो को उनके मर्मस्थल पर जाकर देखती रहती है। यही कारण है कि वैश्विक स्तर पर लगभग सभी प्राचीन एवं समकालीन दर्शनों तथा धर्मों ने इस प्रश्न को सुलझाने का प्रयत्न किया।
- ईसाई धर्म की प्रचलित धारणा के अनुसार ईसाइयत में आत्महत्या को ....
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