जलवायु परिवर्तन के कारण खतरे में सतलज के ग्लेशियर
25 मई, 2019 को ‘जर्नल करेंट साइंस’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयी क्षेत्र के ग्लेशियर प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
- नवीन अध्ययन के अनुसार जलवायु परिवर्तन के चरम परिदृश्य के चलते सतलज बेसिन में वर्ष 2050 तक 55 प्रतिशत ग्लेशियर तथा वर्ष 2090 तक 97 प्रतिशत ग्लेशियर गायब हो सकते हैं।
- इससे भाखड़ा बांध सहित सिंचाई और बिजली परियोजनाओं के लिए जल की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- सतलज नदी घाटीः गौरतलब है कि सतलज नदी घाटी हिमालय क्षेत्र की दर्जनों घाटियों में से एक है जिसमें हजारों ग्लेशियर हैं। कुछ ग्लेशियर धीरे-धीरे ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आपदा जोखिम चेतावनी प्रणाली : कवचम
- 2 मीठे पानी के एक चौथाई जानवर विलुप्त होने के खतरे में
- 3 इंडो-बर्मी पैंगोलिन
- 4 भारत स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण प्लेटफॉर्म
- 5 मियावाकी तकनीक द्वारा प्रयागराज में घने जंगलों का विकास
- 6 भारत का प्रथम जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर
- 7 डिजिटल वृक्ष आधार पहल
- 8 भारत की अक्षय ऊर्जा क्रांति
- 9 अपर-करनाली जलविद्युत परियोजना
- 10 इंदौर और उदयपुर आर्द्रभूमि शहर प्रमाणन की सूची में शामिल
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 ओशन क्लीनअप प्रोजेक्टः सिस्टम 001
- 2 दिल्ली एनसीआर में ओजोन प्रदूषण
- 3 कनाडा में एकल- उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध
- 4 हरियाणा के जानवरों को कानूनी व्यक्ति का दर्जा
- 5 एल सेल्वाडोर में ‘वनों को जीवित संस्था’ के तौर पर मान्यता
- 6 जापान में व्हेल का वाणिज्यिक शिकार पुनः शुरू
- 7 सौर व पवन ऊर्जा क्षेत्र के लिए विवाद निपटान तंत्र
- 8 अरुणाचल में कछुए की नई प्रजातिः मनौरिया इम्प्रेसा
- 9 विश्व का सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित वेदर स्टेशन
- 10 ओडिशा का बाढ़ प्रकोप एटलस
- 11 उष्णकटिबंधीय चक्रवात वायु