अपशिष्ट से पोटाश बनाने की तकनीक

  • हाल ही में भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एक नई तकनीक डिस्टिलरी के अपशिष्ट जल के प्रबंधन के साथ-साथ दूषित जल का पुनर्चक्रण में मददगार हो सकती है। यह तकनीक केंद्रीय नमक व समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान (सीएसएमसीआरआई), भावनगर के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई है।

तकनीक

  • वैज्ञानिकों ने इस अपशिष्ट से पोटाश, कार्बनिक तत्वों और पानी को अलग करने के लिए विभिन्न पृथक्करण विधियों का प्रयोग किया है।
  • डिस्टिलरी से निकले अपशिष्ट जल को थक्के जमाने की तकनीक से उपचारित करके कोलाइड और जैविक घटकों को अलग किया जाता है।
  • कोलाइड एक प्रकार का रासायनिक ....
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